देहरादून। 2 जून, 2018। नवधान्य जैव विविधता फार्म, रामगढ, देहरादूऩ में जैव विविधता बाल सम्मेलन-2018 प्रारम्भ हो चुका है। 5 जून तक चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि एवं उद्यान मंत्री, उत्तराखण्ड, श्री सुबोध उनियाल ने किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता, मालाबार बॉटनिकल गार्डन और वनस्पति विज्ञान संस्थान, कोझीकोड, केरल के पूर्व वैज्ञानिक डा. एन.पी. कृष्णन ने की। इस अवसर पर उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव श्री एस.एस. रसैली और विख्यात पर्यावरणविद् तथा नवधान्य ट्रस्ट की संस्थापिका, डा. वंदना शिवा मंच पर उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, श्री सुबोध उनियाल ने कहा- कि आज जैव विविधता और मुख्यतः कृषि जैव विविधता को बचाना एक बहुत बड़ी चुनौती बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उत्तराखण्ड को पूरी तरह से जैविक करने जा रही है, ताकि छोटे किसानों को भी आय का एक जरिया मिल सके। कृषि मंत्री का कहना था कि सरकार ’मैं एक गांव’ नामक योजना के तहत प्रदेश की खेती-किसानी में आमूलचूल परिवर्तन करने जा रही है, जिससे यहां के किसानों का खेती के प्रति आकर्षण बना रहे। उन्होंने जानकारी दी कि सरकार जैविक किसानों के उत्पादों के लिए मार्केटिंग का कार्य भी करेगी, ताकि अन्नदाता को वाजिफ मूल्य मिल सके। श्री उनियाल ने जैविक संरक्षण एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र में नवधान्य के द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा. कृष्णन ने हिमालयी जैव विविधता को बचाने के महत्व पर अपनी बात रखी, इसी सम्बंध में उन्होंने कृषि मंत्री को एक पत्र भी दिया। उन्होंने कहा कि अब नई पीड़ी के हाथों में है कि वे लगातार हो रहे ऋतु असंतुलन को जैव विविधता संवर्धन के माध्यम से स्थिरता लाएं। इस अवसर पर श्री एस.एस. रसैली ने कहा कि धरती के संतुलन के लिए चींटी से लेकर हाथी तक सभी का संरक्षण आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों के समक्ष कहानियों के द्वारा जीवों के संरक्षण के महत्व पर बात रखी। डा. वंदना शिवा ने कहा कि जिस तरह से धरती एक मां की तरह हमारा पालन-पोषण करती है, उसी तरह से धरती के संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी बनती है। उन्हांने कहा कि आज के विद्यार्थी हमारे कल कल के भविष्य हैं, इसलिए उन्हें जैव विविधता के संरक्षण के प्रति जागरूक होना बहुत जरूरी है। डा. शिवा ने कहा कि हमारा भोजन जितना जैविक होगा , हमारा स्वास्थ भी उतना ही उत्तम एवं निरोगी रहेगा। उन्होंने बताया कि चार दिवस तक चलने वाले जैव विविविधता बाल सम्मेलन में विद्यार्थी प्रकृति और जीवन से जुड़ी विज्ञान की कड़ियों को बडे़ ही रोचक ढंग से समझ और सीख सकेंगे। बताया कि इस दौरान बच्चों को नवधान्य का अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जैवविविधता संरक्षण एवं संवर्द्धन केंद्र व बीज विद्यापीठ देखने का सुअवसर प्राप्त होगा। उद्घाटन सत्र के बाद मुख्य अतिथि एवं विशिष्ठ अतिथियों ने विद्यार्थियों द्वारा जैव विविधता से सबंधित विषयों पर पोस्टर प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। अंत में मुख्य अतिथि ने नवधान्य बीजबैंक का भी अवलोकन किया। बताया गया कि विशिष्ठ प्रदर्शनियों को विश्व पर्यावरण के अवसर पर पुरस्कृत किया जायेगा और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। कुल प्रतिभागियों में से किन्हीं 10 विद्यार्थियों का चयन अक्टूबर, 2018 में होने जा रहे अंतर्राष्ट्रीय जैवविविधता महा-सम्मेलन ( आई. बी. सी ) के लिए किया जायेगा, जोकि वन अनुसंधान संस्थान (एफ.आर.आई), देहरादून में सम्पन्न होगा। कार्यक्रम के प्रारम्भ में फार्म मैनेजर, श्री जे.पी खाली ने अतिथियों के स्वागत में उद्बोधन दिया। अंत में नवधान्य के निदेशक डा. विनोद भट्ट ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम का संचालन नवधान्य के मिडिया समन्वयक, दिनेश चंद्र सेमवाल ने किया। इस सम्मेलन में उत्तराखण्ड, दिल्ली और पश्चिम बंगाल के 150 विद्यार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रां से आये हुए शिक्षक, देहरादून के किसान एवं नवधान्य परिवार के सदस्य उपस्थित थे।